प्रदर्शन को जारी रखने के लिए उतारे जूता-चप्पल
शाहीनबाग में धरना तो चल रहा है, लेकिन इसमें में सिर्फ 5 लोगों को धरने पर बैठने की इजाजत मिली है। जूता चप्पल अलग रखा गया है। कोरोना को देखते हुए महिलाओं को हमजत सूट पहनने को कहा गया, हमजत सूट से शरीर पूरी तरह ढंका होता है। प्रदर्शन में 5 लोगों को बैठने की इजाजत है, जिसमें दादी और नानी शामिल हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शनिवार को इंडिया इस्लामिक सेंटर में शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों के साथ मिलकर बैठक की थी। यहां पर दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी। इस बैठक में डीसीपी साउथ ईस्ट समेत दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी भी मौजूद थे।
- 4 घंटे ही प्रदर्शन स्थल पर बैठने की इजाजत
शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पिछले 3 महीने से चल रहे प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए फैसला लिया है कि अब चार घंटे से ज्यादा प्रदर्शन स्थल पर बैठने की इजाजत नहीं होगी। प्रदर्शनकारी कनिज फातिमा का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी की बढ़ती समस्या के कारण रविवार से यहां आने वाला कोई भी प्रदर्शनकारी सिर्फ चार घंटे ही धरनास्थल पर रहेगा, और उसके बाद वह यहां से चला जाएगा। यह व्यवस्था रविवार से लेकर कोरोनावायरस की समस्या समाप्त होने तक या कानून वापस होने तक जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान धरनास्थल पर माइक से किसी तरह की कोई घोषणा नहीं होगी। प्रदर्शनकारियों ने यह भी फैसला किया है कि प्रदर्शनस्थल पर बच्चे और बुजुर्ग मौजूद नहीं होंगे और विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात 8 बजे कोरोनावायरस को देखते हुए सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का ऐलान किया है। इसके बाद ही प्रदर्शनकारियों का एक गुट धरना खत्म करने के पक्ष में खड़ा हो गया। लेकिन आरोप है कि कुछ लोगों की जिद से सैकड़ों की जान आफत में है।
प्रदर्शन को जारी रखने के लिए उतारे जूता-चप्पल